New Policy Update: अगर आप भी FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) में पैसा लगाते हैं और उससे होने वाली आमदनी पर टैक्स भरते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। हाल ही में सरकार ने FD से होने वाली कमाई पर टैक्स से जुड़ा एक नया नियम लागू किया है, जिससे निवेशकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप इस नए बदलाव से अनजान हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी मददगार साबित होगा।
इस आर्टिकल में हम आपको FD पर नए टैक्स नियम की पूरी जानकारी देंगे, जिसमें यह समझाया जाएगा कि नया नियम क्या है, यह आपकी आमदनी को कैसे प्रभावित करेगा और इससे बचने के लिए आप क्या कदम उठा सकते हैं। अगर आप FD में निवेश करते हैं या करने की सोच रहे हैं, तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
FD पर नया टैक्स नियम: क्या बदल गया है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने FD पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स कटौती के नियम में बदलाव किया है। पहले, अगर FD से मिलने वाली ब्याज की रकम एक साल में 40,000 रुपये से कम थी, तो उस पर TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) नहीं काटा जाता था। लेकिन अब यह सीमा घटाकर 10,000 रुपये कर दी गई है। इसका मतलब यह है कि अगर आपकी FD से होने वाली ब्याज की आमदनी सालाना 10,000 रुपये से ज्यादा है, तो बैंक आपकी कमाई पर 10% TDS काटेगा।
नए नियम का आपकी आमदनी पर क्या असर होगा?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस नए नियम का सबसे ज्यादा असर छोटे वर्ग के निवेशकों पर पड़ेगा, जो कम ब्याज दरों पर FD में पैसा लगाते हैं। अगर आपकी FD से सालाना 10,000 रुपये से ज्यादा की आमदनी होती है, तो अब आपको ज्यादा टैक्स देना होगा। इससे पहले, यह सीमा 40,000 रुपये थी, जिससे कई निवेशकों को फायदा मिलता था।
- पहले का नियम: FD ब्याज पर TDS तभी कटता था जब सालाना आमदनी 40,000 रुपये से ज्यादा होती थी।
- नया नियम: अब 10,000 रुपये से ज्यादा की आमदनी पर ही TDS काटा जाएगा।
क्या आप TDS से बच सकते हैं?
आपको बता दें कि अगर आपकी कुल आमदनी टैक्स-फ्री सीमा से कम है, तो आप TDS से बच सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक में फॉर्म 15G या 15H जमा करना होगा। यह फॉर्म बैंक को यह बताता है कि आपकी आमदनी टैक्स योग्य नहीं है, इसलिए आप पर TDS नहीं लगाया जाना चाहिए।
FD पर टैक्स बचाने के अन्य तरीके
अगर आप FD से होने वाली आमदनी पर टैक्स की बचत करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं:
- सीनियर सिटीजन FD: सीनियर सिटीजन के लिए FD पर ज्यादा ब्याज मिलता है और TDS की सीमा भी 50,000 रुपये सालाना है।
- टैक्स-सेविंग FD: कुछ बैंक टैक्स-सेविंग FD ऑप्शन प्रोवाइड करते हैं, जिसमें 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है और इस पर टैक्स में छूट मिलती है।
- पोस्ट ऑफिस FD: पोस्ट ऑफिस की FD पर TDS नहीं काटा जाता, जिससे आपकी आमदनी पूरी तरह से टैक्स-फ्री रहती है।
नए नियम के बाद क्या करें?
अगर आप FD में निवेश कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं, तो नए टैक्स नियम को ध्यान में रखकर ही फैसला लें। आप चाहें तो अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह ले सकते हैं या अन्य निवेश विकल्पों पर भी विचार कर सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इस नए नियम का मकसद सरकार को ज्यादा टैक्स कलेक्शन करना है, लेकिन इससे आम निवेशकों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, अगर आप FD में पैसा लगाते हैं, तो इस नए बदलाव के बारे में पूरी जानकारी रखें और अपनी आर्थिक योजना को इसी के अनुसार बनाएं।