Cibil Score Post Loan: अगर आपने कभी लोन लिया है या लेने की सोच रहे हैं, तो आपका सिबिल स्कोर आपके लिए कितना जरूरी है, यह आप अच्छी तरह जानते होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाल ही में सिबिल स्कोर के नियमों में कुछ बड़े बदलाव हुए हैं, जो लोन लेने वालों को सीधे तौर पर प्रभावित करेंगे? अगर नहीं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। यहां हम आपको बताएंगे कि सिबिल स्कोर के नए नियम क्या हैं और इनका आप पर क्या असर पड़ेगा।

सिबिल स्कोर क्या है और यह क्यों मायने रखता है?

सिबिल स्कोर एक 3-अंकों वाला नंबर होता है, जो 300 से 900 के बीच में होता है। यह स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को दिखाता है और बैंक या फाइनेंस कंपनियां इसके आधार पर तय करती हैं कि आपको लोन देना है या नहीं। आमतौर पर, 750 से ऊपर का सिबिल स्कोर अच्छा माना जाता है, जिससे आपको लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

सिबिल स्कोर के नए नियम क्या हैं?

हाल ही में सिबिल (TransUnion CIBIL) ने अपने स्कोर कैलकुलेशन के तरीके में कुछ बदलाव किए हैं। इन नए नियमों के तहत:

  • क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो (CUR) का असर अब ज्यादा होगा। यानी अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो आपका स्कोर गिर सकता है।
  • लोन की EMI और क्रेडिट कार्ड पेमेंट का टाइम पर भुगतान न करने पर स्कोर पर ज्यादा बुरा असर पड़ेगा।
  • मल्टीपल लोन एप्लीकेशन करने से भी स्कोर प्रभावित होगा। अगर आप कम समय में कई लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो यह आपके स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है।

नए नियमों का लोन लेने वालों पर क्या असर पड़ेगा?

अगर आप लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो आपको इन बदलावों के बारे में पता होना चाहिए:

  • लोन मिलने में परेशानी: अगर आपका सिबिल स्कोर नए नियमों के कारण गिर गया है, तो आपको लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है।
  • हायर इंटरेस्ट रेट: कम स्कोर वालों को लोन मिल भी गया, तो उन्हें ज्यादा ब्याज दर चुकानी पड़ सकती है।
  • क्रेडिट कार्ड लिमिट कम हो सकती है: बैंक आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट को कम कर सकते हैं, अगर आपका स्कोर नए नियमों के तहत खराब हो गया है।

सिबिल स्कोर को बेहतर बनाने के टिप्स

अगर आप चाहते हैं कि आपका सिबिल स्कोर अच्छा बना रहे, तो इन बातों का ध्यान रखें:

  • समय पर भुगतान करें: क्रेडिट कार्ड बिल और लोन की EMI हमेशा टाइम पर भरें।
  • क्रेडिट कार्ड का कम इस्तेमाल करें: अपनी क्रेडिट लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल न करें।
  • बार-बार लोन के लिए अप्लाई न करें: कम समय में कई लोन एप्लीकेशन भरने से बचें।
  • अपना सिबिल स्कोर चेक करते रहें: साल में कम से कम एक बार अपना क्रेडिट स्कोर जरूर चेक करें।

निष्कर्ष

सिबिल स्कोर के नए नियमों को समझना हर लोन लेने वाले के लिए जरूरी है। अगर आप इन बदलावों को ध्यान में रखकर अपनी फाइनेंसियल हैबिट्स को सुधारते हैं, तो आपका स्कोर बेहतर होगा और आपको लोन लेने में आसानी होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अच्छा सिबिल स्कोर न सिर्फ लोन दिलाने में मदद करता है, बल्कि इससे आपको कम ब्याज दर पर भी लोन मिल सकता है। इसलिए, इन नए नियमों को समझें और अपने क्रेडिट हेल्थ को बेहतर बनाए रखें।